Sarkari Naukri

यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 30 मई 2017

Indian Geography GK, GK Question and Answer, General Knowledge Question Answer @ ssc.nic.in


Indian Geography GK, GK Question and Answer, General Knowledge Question Answer @ ssc.nic.in


  1. भूकंपीय तंरगों को सीस्मोग्राफ यंत्र से रेखांकित किया जाता है। 
  2. गौण तरंगें द्रव्य पदार्थ में से नहीं गुजर सकतीं। 
  3. भूकंप के उदभव स्थान को भूकंप का केंद्र कहा जाता है। 
  4. प्राथमिक और द्वितीय तरंगें भूकंप केंद्र से धरातल तक 11 हजार किलोमीटर की दूरी तक पहुंचती हैं। 
  5. केंद्रीय भाग पर पहुंचने पर द्वितीय तरंगे गायब हो जाती हैं। 
  6. प्राथमिक तरंगे केंद्रीय भाग पर पहुंचने पर भी अपवर्तित रहती हैं। 
  7. भूकंप के केंद्र से 11 हजार किलोमीटर के बाद लगभग 5 हजार किलोमीटर तक का क्षेत्र छाया क्षेत्र कहलाता है क्योंकि इस क्षेत्र तक कोई भी तरंग नहीं पहुंचती। 
  8. भूकंप के केंद्र के ठीक ऊपर पृथ्वी की सतह पर स्थित बिंदु को भूकंप का अधिकेंद्र कहा जाता है। 
  9. समुद्र में भूकंप की वजह से उठने वाली लहरों को जापान में सुनामी कहा जाता है। 
  10. सुनामी की दृष्टि से प्रशांत महासागर सबसे खरतनाक महासागर है। 
  11. पृथ्वी के भीतर होने वाली कंपन अथवा लहर को भूकंप कहा कहाता है।
  12. भू-गर्भ शास्त्र की जिस शाखा के द्वारा भूकंपों का अध्ययन किया जाता है उसे सीस्मोलॉजी कहा जाता है।
  13. भूकंप की तीव्रता की इकाई रिक्टर है।
  14. सन् 1935 में अमेरीकी वैज्ञानिक चार्ल्स रिक्टर ने रिक्टर स्केल का विकास किया था।
  15. भूकंप में प्रकार के कम्पन होते हैं – 1. प्राथमिक तरंग 2. द्वितीय तरंग और 3. एल तरंग
  16. 8 किलोमीटर प्रति सेकेंड की औसत वेग से धरती के भीतर होने वाली कम्पन प्राथमिक तरंग कहलाती है।
  17. 4 किलोमीटर प्रति सेकेंड की औसत वेग से धरती के भीतर होने वाली कम्पन द्वितीय तरंग कहलाती है। इसे अनुप्रस्थ तरंग भी कहा जाता है।
  18. मुख्य रूप से धरातल तक ही सीमित रहने वाली तरंगों को एल तरंग कहा जाता है। एल तरंगों को धरातलीय तरंग तथा लंबी तरंग भी कहा जाता है।
  19. प्राथमिक और एल तरंगें ठोस, तरल और गैस तीनों माध्यमों से होकर गुजर सकती हैं, किन्तु द्वितीय तरंगें केवल ठोस माध्य से ही गुजर सकती हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Responsive ad

Amazon