Sarkari Naukri

यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 29 जनवरी 2013

Current Affairs GK 2013

                                                  Current Affairs GK 2013

                                                              Part - 1
                                                  
14 जनवरी
• राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वर्ष 2012 हेतु 50 लोगों का जीवन रक्षा पदक के लिए चयन किया.
• महिलाओं की ड्रेस व मोबाइल पर खाप पंचायतों का आदेश गैरकानूनी: सर्वोच्च न्यायालय.
• भारत की 64 वर्षीय मूर्तिकार जसू शिल्पी का अहमदाबाद में निधन.
15 जनवरी
• अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ ने मोहन बागान क्लब पर लगा 2 वर्ष का प्रतिबंध हटाया.
• राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राज्यों को वर्ष 2011-2012 हेतु कृषि कर्मण पुरस्कार प्रदान किए.
• बम्बई स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 2 वर्ष बाद 20000 अंकों के पार.
16 जनवरी
• आंध्रप्रदेश सरकार ने विशेष चावल योजना-माना बियाम की शुरूआत की.
• टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने भारत में एसयूवी फॉर्च्यूनर का नया संस्करण लॉन्च किया.
• शिक्षक भर्ती घोटाला : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला सहित 55 दोषी करार.
17 जनवरी
• संसदीय समिति द्वारा 67 प्रतिशत जनसंख्या को 5 किलो अनाज रियायती दरों पर देने की सिफारिश.
• 11वां पुणे अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह पुणे में संपन्न.
• मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने एक वित्तवर्ष में सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेन्डरों की संख्या छह से बढ़ाकर नौ की.
18 जनवरी
• राष्ट्रपति ने केंद्र की सिफारिश को मंजूरी देते हुए झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू किया.
• नीलामी रूट से कंपनियों के शेयरों की बोली लगाने वाले निकायों हेतु मार्जिन मनी की अनिवार्यता समाप्त.
19 जनवरी
• बिहार के पूर्व मंत्री और जनता दल यूनाइटेड के नेता रामाश्रय प्रसाद सिंह का गुडगांव में निधन.
• कांग्रेस पार्टी ने महासचिव राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया.
• अनंत सुब्रम्ण्यन भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) के अध्यक्ष नियुक्त.
20 जनवरी
• 58वें आइडिया फिल्मफेयर अवार्ड में फिल्म कहानी हेतु विद्या बालन सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार से सम्मानित.
• भारतीय टीम एकदिवसीय क्रिकेट रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर पहुंची.




घरेलु उपचार सम्बंधित देशी नुस्खे जानने के लिए यहाँ क्लिक करें 
                                                       Part - 2


14 जनवरी
• चकां-दा-बाग (जम्मू-कश्मीर) में भारत-पाकिस्तान के मध्य फ्लैग मीटिंग सम्पन्न.
• भारतीय मूल की हलीमा याकूब सिंगापुर संसद की पहली महिला अध्यक्ष निर्वाचित.
15 जनवरी
• पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ की गिरफ्तारी का निर्देश.
• भारत ने अटारी-वाघा संयुक्त चौकी पर एक वीजा केंद्र खोला.
• भारत और वियतनाम ने सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्योगों के क्षेत्र में सहयोग के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
16 जनवरी
• भारत के सोमदेव देववर्मन पोलैंड के येर्जी यानोविच से पराजित होकर ऑस्ट्रेलियाई ओपन से बाहर.
• चीन के राजनियक वई वई को भारत में चीन का राजदूत नियुक्त किया गया.
• वर्ल्ड इन 2050 दी ब्रिक्स एंड बियोंड : प्रोस्पेक्ट्स, चैलेंजेज एंड अपॉच्युनिटीज रिपोर्ट जारी.
17 जनवरी
• भारत की बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने विश्व बैडमिंटन संघ की रैंकिंग में दूसरा स्थान प्राप्त किया.
• आईओसी ने साइक्लिस्ट लांस आर्मस्ट्रांग से वर्ष 2000 सिडनी ओलंपिक का कांस्य पदक वापस लिया.
• हॉकी इंडिया ने हॉलैंड के कोच रोलैंट ओल्टमेंस को हाई परफार्मेंस डायरेक्टर नियुक्त किया.
18 जनवरी
• ब्रिक्स देशों (ब्राजील,रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के मध्य आपसी हित के विभिन्न मुद्दों के बारे में अपने कर विभागों के बीच सहयोग बढ़ाने पर सहमति.
• हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड और ब्राजील की कंपनी नोवेलिस इंक के मध्य समझौता.
19 जनवरी
• विराट कोहली एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज 4000 रन बनाने वाले भारतीय बने.
• भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष प्रो यूआर राव को सैटेलाइट हाल ऑफ फेम सम्मान.
20 जनवरी
• बराक ओबामा ने अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली.
• जारी रिपोर्ट में भारत-चीन का द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2012-13 में 10.1 प्रतिशत घटकर 66.47 अरब डॉलर.
• 10वीं स्टैडंर्ड चार्टर्ड मुंबई मैराथन 2013 में पुरूषों का खिताब युगांडा के जैक्सन किपरॉप ने जीता.

गुरुवार, 24 जनवरी 2013

Current Affairs GK 2013


  1. सांसद गुरुदास कामत को वर्ष 2011 की जनगणना संपन्न कराने में योगदान हेतु सेंसस 2011 गोल्ड मेडल पुरस्कार के लिए चुना गया।
  2. 74वीं राष्ट्रीय टेबल टेनिस चैंपियनशिप 2013 में पुरुष एकल का खिताब सौम्यजीत घोष ने जीता ।
  3. दिल्ली के शुभंकर शर्मा ने 112वीं टाटा स्टील अमेच्योर गोल्फ चैम्पियनशिप का खिताब जीता ।
  4. टेबल टेनिस खिलाड़ी सौम्यजीत घोष राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतने वाले भारत के सबसे युवा खिलाड़ी बने ।
  5. यूनेस्को द्वारा पश्चिमी घाट पर्वतीय श्रृंखला को संयुक्त राष्ट्र की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया।
  6. पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ की गिरफ्तारी का निर्देश दिये।
  7. भारत के सोमदेव देववर्मन पोलैंड के येर्जी यानोविच से पराजित होकर ऑस्ट्रेलियाई ओपन से बाहर हुए  ।
  8. विश्व आर्थिक फोरम 2013 हेतु भारतीय प्रतिनिधिमंडल के नेता के रूप में केंद्रीय मंत्री कमलनाथ का चयन किया गया ।
   सरकारी नौकरी देखने के लिए यहाँ क्लिक करें 


घरेलु उपचार सम्बंधित देशी नुस्खे जानने के लिए यहाँ क्लिक करें             

                                         Part -  2




  1. 4 जवनरी 2013 को ऑस्ट्रेलिया  के पूर्व तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्राथ को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के हाल ऑफ फेम में शामिल किया गया।
  2. प्रसिद्ध वायलिन वादन एमएस गोपालकृष्णन का 3 जनवरी 2013 को चेन्नई में निधन हो गया।
  3. 28-29 दिसंबर 2012 को भारत और म्यांमार के बीच राष्ट्रीय स्तर की 18वीं बैठक (दो दिवसीय) नई दिल्ली में सम्पन्न हुई।
  4. प्रसिद्ध अर्थशास्त्री उर्जित पटेल को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में उप गवर्नर नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है।
  5. केंद्र सरकार ने आरबीआई के पूर्व गवर्नर डॉ. वाईवी रेड्डी की अध्यक्षता में 14वें वित्त आयोग का गठन करने का निर्णय लिया गया।
  6. 9 जनवरी 2013 को पूर्व अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी अनादि बरूआ को भारत की राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया।
  7. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुजरात सरकार के भूमि सुधार कानून 2011 को पारित करने के बाद स्वीकृति प्रदान की ।
  8. 9 जवनरी 2013 को तालिबान के खिलाफ देश के संघर्ष का प्रतीक बनी  पाकिस्तान की किशोरी मलाला यूसुफजई को फ्रांस के सिमोन डी बेवॉर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  9. 9 जनवरी 2013 को भारत ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के अत्याधुनिक संस्करण (एस फॉर्म) का सफल परीक्षण किया , यह भारत का 34 वां सफल परीक्षण रहा।
  10. भारतीय फिल्म लाइफ ऑफ पाई को ब्रिटिश एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन आ‌र्ट्स अवा‌र्ड्स (बॉफ्टा) के लिए नामांकित किया गया।

शुक्रवार, 18 जनवरी 2013

Current Affairs GK Jan. 2013

जनवरी करेंट अफेयर्स 2013.....जनवरी करेंट अफेयर्स 2013>>
*******************
>>केन्द्रीय चुनाव आयोग ने पूर्वोत्तर भारत के त्रिपुरा, मेघालय और नागालेंड में विधान सभा चुनाव 11 जनवरी 2013 को करवाने का निर्णय लिया, जिसके तहत 14 फरवरी को मेघालय और 23 फरवरी को नागालेंड में चुनाव होंगे।

>>पद्मभूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित आयुर्वेदाचार्य और नाड़ी वैद्य बृहस्पति देव त्रिगुणा का 1 जनवरी 2013 को निधन हो गया। ये केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान परिषद के निदेशक और राष्ट्रीय आयुर्वेद अकादमी के अध्यक्ष भी रह चुके थे।

>>केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने अश्विनी कुमार को नूपुर मित्रा के स्थान पर देना बैंक का अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक 1 जनवरी 2013 को बनाया ।

>>एयर मार्शल रवि बुरली ने 1 जनवरी 2013 को वायुसेना अकादमी (हैदराबाद) के प्रमुख का पद संभाला।

>>30 दिसंबर 2013 को भारतीय मूल के स्वास्थ्य विशेषज्ञ एमजी वेंकटेश मन्नार को कनाडा की सरकार ने कनाडा के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “ऑर्डर ऑफ कनाडा” से सम्मानित किया गया।

>>20 दिसंबर 2012 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने पुरातन वस्तुओं के एक प्रदर्शनी का उदघाटन केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच द्वारा किया गया । इस प्रदर्शनी का शीर्षक “ भारत की पुन: खोज: 1961-2011″ है।

>>यह प्रदर्शनी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्षय में आयोजित की गई है, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की स्थापना वर्ष 1861 में की गई थी।

>>टेनिश में विश्व के तीसरे बड़े खिलाड़ी एंडी मरे ने वर्ष 2013 का ब्रिस्बेन इंटरनेशनल टेनिस टूर्नामेंट (पुरुष एकल) का खिताब 6 जनवरी 2013 को जीत लिया ।

>>5 जनवरी 2013 को पूर्व लोकसभा अध्यक्ष व वर्ष 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्याशी पीए संगमा (पूर्णो अगातो संगमा, Purno Agitok Sangma) ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी ) का गठन किया ।

>>सनमीत कौर साहनी कौन बनेगा करोड़पति में पांच करोड़ रुपए जीतने वाली पहली महिला बनी।

>>4 जनवरी 2013 को विराट कोहली को वर्ष 2012 के लिए सिएट इंटरनेशनल क्रिकेटर ऑफ द ईयर पुरस्कार से नवाजा गया ।

>>अरुणाचल प्रदेश को वर्ष 2010-11 के दौरान अन्न उत्पादन में सबसे अधिक वृद्धि दर प्राप्त करने के लिए कृषि कर्मन पुरस्कार हेतु चयनित किया गया ।




घरेलु उपचार सम्बंधित देशी नुस्खे जानने के लिए यहाँ क्लिक करें 






राजस्थान के लोकवाद्य (Rajasthani Instruments)


राजस्थान के लोकवाद्य
(Rajasthani Instruments)

मानव जीवन संगीत से हमेशा से जुड़ा रहा है। संगीत मानव के विकास के साथ पग-पग पर उपस्थित रहा है। विषण्ण ह्मदय को आह्मलादित एवं निराश मन को प्रतिपल प्रफुल्लित रखने वाले संगीत का अविभाज्य अंग है- विविध-वाद्य यंत्र। इन वाद्यों ने संगीत की प्रभावोत्पादकता को परिवर्धित किया और उसकी संगीतिकता में चार चाँद लगाए हैं। भांति-भाँति के वाद्ययंत्रों के सहयोगी स्वर से संगीत की आर्कषण शक्ति भी विवर्किद्धत हो जाती है।
भारतीय संगीत में मारवाड़ में मारवाड़ के विविध पारंपरिक लोक-वाद्य अपना अनूठा स्थान रखते हैं। मधुरता, सरसता एवं विविधता के कारण आज इन वाद्यों ने राष्ट्रीय ही नहीं, अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान कायम की है। कोई भी संगीत का राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय समारोह या महोत्सव ऐसा नहीं हुआ, जिसमें मरु प्रदेश के इन लोकवाद्यों को प्रतिनिधत्व न मिला है।
मारवाडी लोक-वाद्यों को संगीत की दृष्टि से पॉच भागों में विभाजित किया जा सकता है- यथातत, बितत, सुषिर, अनुब व धन। ताथ वाद्यों में दो प्रकार के वाद्य आते हैं- अनुब व धन।
अनुब में चमडे से मढे वे वाद्य आते हैं, जो डंडे के आधात से बजते हैं। इनमें नगाडा, घूंसा, ढोल, बंब, चंग आदि मुख्य हैं।
लोहा, पीतल व कांसे के बने वाधों को धन वाध कहा जाता है, जिनमें झांझ, मजीरा, करताल, मोरचंगण श्रीमंडल आदि प्रमुख हैं।
तार के वाधों में भी दो भेद हैं- तत और वितत। तत वाद्यों में तार वाले वे साज आते हैं, जो अंगुलियों या मिजराब से बजाते हैं। इनमें जंतर, रवाज, सुरमंडल, चौतारा व इकतारा है। वितत में गज से बजने वाले वाद्य सारंगी, सुकिंरदा, रावणहत्था, चिकारा आदि प्रमुख हैं। सुषिर वाद्यों में फूंक से बजने वाले वाद्य, यथा-सतारा, मुरली, अलगोजा, बांकिया, नागफणी आदि।

उपरोक्त वाद्यों का संक्षिप्त परिचयात्मक विवरण इस प्रकार है-
ताल वाद्य - राजस्थान के ताल वाद्यों में अनुब वाद्यों की बनावट तीन प्रकार की है यथा -
  • वाद्य जिसके एक तरु खाल मढी जाती है तथा दूसरी ओर का भाग खुला रहता है। इन वाद्यों में खंजरी, चंग, डफ आदि प्रमुख हैं।
  • वे वाद्य जिनका घेरा लकडी या लोहे की चादर का बना होता है एवं इनके दाऍ-बाऍ भाग खाल से मढे जाते हैं। जैसे मादल, ढोल, डेरु डमरु आदि।
  • वे वाद्य जिनका ऊपरी भाग खाल से मढा जाता है तथा कटोरीनुमा नीचे का भाग बंद रहता है। इनमें नगाडा, धूंसौं, दमामा, माटा आदि वाद्य आते हैं। इन वाद्यों की बनावट वादन पद्वदि इस प्रकार है -
  • कमटटामक बंब - इसका आकार लोहे की बड़ी कङाही जैसा होता है, जो लोहे की पटियों को जोङ्कर बनाया जाता है। इसका ऊपरी भाग भैंस के चमड़े से मढा जाता है। खाल को चमड़े की तांतों से खींचकर पेंदे में लगी गोल गिङ्गिड़ी लोहे का गोल घेरा से कसा जाता है। अनुब व घन वाद्यों में यह सबसे बडा व भारी होता है। प्राचीन काल में यह रणक्षेत्र एवं दुर्ग की प्राचीर पर बजाया जाता था। इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले लिए लकड़ी के छोटे गाडूलिए का उपयोग किया जाता है। इसे बजाने के लिए वादक लकड़ी के दो डंडे का प्रयोग करते हैं। वर्तमान में इसका प्रचलन लगभग समाप्त हो गया है। इसके वादन के साथ नृत्य व गायन दोनों होते हैं।
  • कुंडी - यह आदिवासी जनजाति का प्रिय वाद्य है, जो पाली, सिरोही एवं मेवा के आदिवासी क्षेत्रों में बजाया जाता है। मिट्टी के छोटे पात्र के उपरी भाग पर बकरे की खाल मढी रहती है। इसका ऊपरी भाग चार-छः इंच तक होता है। कुंडी के उपरी भाग पर एक रस्सी या चमड़े की पटटी लगी रहती है, जिसे वादक गले में डालकर खड़ा होकर बजाता है। वादन के लिए लकड़ी के दो छोटे गुटकों का प्रयोग किया जाता है। आदिवासी नृत्यों के साथ इसका वादन होता है।
  • खंजरी - लकड़ी का छोटा-सा घेरा जिसके एक ओर खाल मढ़ी रहती है। एक हाथ में घेरा तथा दूसरे हाथ से वादन किया जाता है। केवल अंगुलियों और हथेली का भाग काम में लिया जाता है। घेरे पर मढी खाल गोह या बकरी की होती है। कालबेलिया जोगी, गायन व नृत्य में इसका प्रयोग करते हैं। वाद्य के घेरे बडे-छोटे भी होते है। घेरे पर झांझों को भी लगाया जाता है।
  • चंग - एक लकड़ी का गोल घेरा, जो भे या बकरी की खाल से मढ़ा जाता है। एक हाथ में घेरे को थामा जाता है, दूसरे खुले हाथ से बजाया जाता है। थामने वाले हाथ का प्रयोग भी वादन में होता है। एक हाथ से घेरे के किनारे पर तथा दूसरे से मध्यभाग में आघात किया जाता है। इस वाद्य को समान्यतः होलिकोत्सव पर बजाया जाता है।
  • डमरु - यह मुख्य रुप से मदारियों व जादूगरों द्वारा बजाया जाता है। डमरु के मध्य भाग में डोरी बंघी रहती है, जिसके दोनो किनारों पर पत्थर के छोटे टुकड़े बंधे रहते हैं। कलाई के संचालन से ये टुकड़े डमरु के दोनो ओर मढ़ी खाल पर आघात करते हैं।
  •  - लोहे के गोल घेरे पर बकरे की खाल चढी रहती है। यह खाल घेरे पर मढ़ी नहीं जाती, बल्कि चमड़े की बद्धियों से नीचे की तरफ कसी रहती है। इसका वादन चंग की तरफ होता है। अंतर केवल इतना होता है कि चमडे की बद्धियों को ढ़ील व तनाव देकर ऊँचा-नीचा किया जा सकता है।
  • डेरु - यह बङा उमरु जैसा वाद्य है। इसके दोनों ओर चमङा मढ़ा रहता है, जो खोल से काफी ऊपर मेंडल से जुङा रहता है। यह एक पतली और मुड़ी हुई लकड़ी से बजाया जाता है। इस पर एक ही हाथ से आघात किया जाता है तथा दूसरे हाथ से डोरी को दबाकर खाल को कसा या ढीला किया जाता है। इस वाद्य का चुरु, बीकानेर तथा नागौर में अधिक प्रचलन है। मुख्य रुप से माताजी, भैरु जी व गेगा जी की स्तुति पर यह गायी जाती है।
  • ढाक - यह भी डमरु और डेरु से मिलता-जुलता वाद्य है, लेकिन गोलाई व लंबाई डेरु से अधिक होती है। मुख्य रुप से यह वाद्य गु जाति द्वारा गोढां (बगङावतों की लोककथा) गाते समय बजाया जाता है। झालावाङा, कोटा व बूँदी में इस वाद्य का अधिक प्रचलन है। वादक बैठकर दोनो पैरों के पंजो पर रखकर एक भाग पतली डंडी द्वारा तथा दूसरा भाग हाथ की थाप से बजाते है।
  • ढ़ोल - इसका धेरा लोहे की सीघी व पतली परतों को आपस में जोङ्कर बनाया जाता है। परतों (पट्टियों) को आपस में जोङ्ने के लिये लोहे व तांबे की कीलें एक के बाद एक लगाई जाती है। धेरे के दोनो मुँह बकरे की खाल से ढ़के जाते हैं। मढ़े हुए चमड़े को कसरन के लिए डोरी का प्रयोग किया जाता है। ढोल को चढ़ाने और उतारने के लिए डोरी में लोहे या पीतल के छल्ले लगे रहते हैं। ढोल का नर भाग डंडे से तथा मादा भाग हाथ से बजाया जाता है। यह वाद्य संपूर्ण राजस्थान में त्योहार व मांगलिक अवसरों पर बजाया जाता है। राजस्थान में ढोली, मिरासी, सरगरा आदि जातियों के लोग ढोल बजाने का कार्य करते हैं। ढोल विभित्र अवसरों पर अलग-अलग ढंग से बजाया जाता है, यथा- कटक या बाहरु ढोल, घोङ्चिड़ी रौ ढोल, खुङ्का रौ ढोल आदि।
  • ढोलक - यह आम, बीजा, शीशम, सागौन और नीम की लकड़ी से बनता है। लकड़ी को पोला करके दोनों मुखों पर बकरे की खाल डोरियों से कसी रहती है। डोरी में छल्ले रहते हैं, जो ढोलक का स्वर मिलाने में काम आते हैं। यह गायन व नृत्य के साथ बजायी जाती है। यह एक प्रमुख लय वाद्य है।
  • तासा - तासा लोहे या मिट्टी की परात के आकार का होता है। इस पर बकरे की खाल मढ़ी जाती है, जो चमड़े की पटिटयों से कसी रहती है। गले में लटका कर दो पहली लकड़ी की चपटियों से इसे बजाया जाता है।
  • धूंसौ - इसका घेरा आम व फरास की लकड़ी से बनता है। प्राचीन समय में रणक्षेत्र के वाद्य समूह में इसका वादन किया जाता था। कहीं-कहीं बडे-बडे मंदिरों में भी इकसा वादन होता है। इसका ऊपरी भाग भैंस की खाल से मढ. दिया जाता है। इसकों लकड़ी के दो बडे-डंडे से बजाया जाता है।
  • नगाङा - समान प्रकार के दो लोहे के बड़े कटोरे, जिनका ऊपरी भाग भैंस की खाल से मढा जाता है। प्राचीन काल में घोड़े, हाथी या ऊँट पर रख कर राजा की सवारी के आगे बजाया जाता था। यह मुख्य-मुख्य से मंदिरों में बजने वाला वाद्य है। इन पर लकड़ी के दो डंडों से आघात करके ध्वनि उत्पत्र करते हैं।
  • नटों की ढोलक - बेलनाकृत काष्ठ की खोल पर मढा हुआ वाद्य। नट व मादा की पुडियों को दो मोटे डंडे से आधातित किया जाता है। कभी-कभी मादा के लिए हाथ तथा नर के लिए डंडे का प्रयोग किया जात है, जो वक्रता लिए होता है। इसके साथ मुख्यतः बांकिया का वादन भी होता है।
  • पाबूजी के मोटे - मिट्टी के दो बड़े मटकों के मुंह पर चमङा चढाया जाता है। चमड़े को मटके के मुँह की किनारी से चिपकाकर ऊपर डोरी बांध दी जाती है। दोनों माटों को अलग-अलग व्यक्ति बजाते हैं। दोनों माटों में एक नर व एक मादा होता है, तदनुसार दोनों के स्वर भी अलग होते हैं। माटों पर पाबूजी व माता जी के पावड़े गाए जाते है। इनका वादन हथेली व अंगुलियों से किया जाता है। मुख्य रुप से यह वाद्य जयपुर, बीकानेर व नागौर क्षेत्र में बजाया जाता है।
  • भीलों की मादल - मिट्टी का बेलनाकार घेरा, जो कुम्हारों द्वारा बनाया जाता है। घेरे के दोनो मुखों पर हिरण या बकरें की खाल चढाई जाती है। खाल को घेरे से चिपकाकर डोरी से कस दी जाती है, इसमें छल्ले नही लगते। इसका एक भाग हाथ से व दूसरा भाग डंडे से बजाया जाता है। यह वाद्य भील व गरासिया आदिवासी जातियों द्वारा गायन, नृत्य व गवरी लोकनाट्य के साथ बजाया जाता है।
  • रावलों की मादल - काष्ठ खोलकर मढा हुआ वाद्य। राजस्थानी लोकवाद्यों में यही एक ऐसा वाद्य है, जिसपर पखावज की भांति गट्टों का प्रयोग होता है। दोनों ओर की चमड़े की पुङ्यों पर आटा लगाकर, स्वर मिलाया जाता है। नर व मादा भाग हाथ से बजाए जाते हैं। यह वाद्य केवल चारणों के रावल (चाचक) के पास उपलब्ध है।
धन वाद्य - यह वाद्य प्रायः ताल के लिए प्रयोग किए जाते हैं। प्रमुख वाद्यों की बनावट व आकार-प्रकार इस प्रकार है -
  • करताल - आयताकार लकड़ी के बीच में झांझों का फंसाया जाता है। हाथ के अंगूठे में एक तथा अन्य अंगुलियों के साथ पकड़ लिया जाता है और इन्हें परस्पर आधारित करके लय रुपों में बजाया जाता है। मुख्य रुप से भक्ति एवं धार्मिक संगीत में बजाया जाता है। मुख्य रुप से भक्ति एवं धार्मिक संगीत में इसका प्रयोग होता है।
  •       खङ्ताल - शीशम, रोहिङा या खैर की लकड़ी के चार अंगुल चौड़े दस अंगुल लंबे चिकने व पतले चार टुकड़े। यह दोनो हाथों से बजायी जाती है तथा एक हाथ में दो अफकड़े रहते हैं। इसके वादन में कट-कट की ध्वनी निकलती है। लयात्मक धन वाद्य जो मुख्य रुप से जोधपुर, बाडमेंर व जैसलमेंर क्षेत्रों में मांगणयार लंगा जाति के लोग बजाते हैं।
  •      धुरालियो - बांस की आठ-दस अंगुल लंबी व पतली खपच्ची का बना वाद्य। बजाते समय बॉस की खपच्ची को सावधानी पूर्वक छीलकर बीच के पतले भाग से जीभी निकाली जाती है। जीभी के पिछले भाग पर धागा बंधा रहता है। जीभी को दांतों के बीच रखकर मुखरंध्र से वायु देते हुए दूसरे हाथ से धागे को तनाव व ढील (धीरे-धीरे झटके) द्वारा ध्वनि उत्पत्र की जाती है। यहा वाद्य कालबेलिया तथा गरेसिया जाति द्वारा बजाया जाने वाला वाद्य यंत्र है।
  •     झालर - यह मोटी घंटा धातु की गोल थाली सी होती है। इसे डंडे से आघादित किया जाता है। यह आरती के समय मंदिरों में बजाई जाती है।
  •      झांझ - कांसे, तांबे व जस्ते के मिश्रण से बने दो चक्राकार चपटे टुकङों के मध्य भाग में छेद होता है। मध्य भाग के गड्डे के छेद में छोरी लगी रहती है। डोरी में लगे कपड़े के गुटको को हाथ में पकङ्कर परस्पर आधातित करके वादन किया जाता है। यह गायन व नृत्य के साथ बजायी जाती है।
  •      मंजीरा - दो छोटी गहरी गोल मिश्रित धतु की बनी पट्टियॉ। इनका मध्य भाग प्याली के आकार का होता है। मध्य भाग के गड्ढे के छेद में डोरी लगी रहती है। ये दोनों हाथ से बजाए जाते हैं, दोनों हाथ में एक-एक मंजीरा रहता है। परस्पर आघात करने पर ध्वनि निकलती है। मुख्य रुप से भक्ति एवं धर्मिक संगीत में इसका प्रयोग होता है। काम जाति की महिलाएँ मंजीरों की ताल व लय के साथ तेरह ताल जोडती है।
  •      श्री मंडल - कांसे के आठ या दस गोलाकार चपटे टुकङों। रस्सी द्वारा यह टुकड़े अलग-अलग समानान्तर लकडी के स्टैण्ड पर बंधे होते हैं। श्रीमंडल के सभी टुकडे के स्वर अलग-अलग होते हैं। पतली लकड़ी को दो डंडी से आघात करके वादन किया जाता है। राजस्थानी लोक वाद्यों में इसे जलतरंग कहा जा सकता है।
  •      मोरचंग - लोहे के फ्रेम में पक्के लाहे की जीभी होती है। दांतों के बीच दबाकर, मुखरंध्र से वायु देते हुए जीभी को अंगुली से आघादित करते हैं। वादन से लयात्मक स्वर निकलते हैं। यह वाद्य चरवाहों, घुमक्कङों एवं आदिवासियों में विशेष रुप से प्रचलित वाद्य है।
  •      भपंग - तूंबे के पैंदे पर पतली खाल मढी रहती है। खाल के मध्य में छेद करके तांत का तार निकाला जाता है। तांत के ऊपरी सिरे पर लकड़ी का गुटका लगता है। तांबे को बायीं बगल में दबाकर, तार को बाएँ हाथ से तनाव देते हुए दाहिने हाथ की नखवी से प्रहार करने पर लयात्मक ध्वनि निकलती है।
  •      भैरु जी के घुंघरु - बड़े गोलाकार घुंघरु, जो चमड़े की पट्टी पर बंधे रहते हैं। यह पट्टी कमर पर बाँधी जाती है। राजस्थान में इसका प्रयोग भैरु जी के भोपों द्वारा होता है, जो कमर को हिलाकर इन घुंघरुओं से अनुरंजित ध्वनि निकालते हैं तथा साथ में गाते हैं।
  • सुषिर वाद्य - राजस्थान में सुषिर वाद्य काष्ठ व पीतल के बने होते हैं। जिसमें प्रमुख वाद्यों का परिचयात्मक विवरण इस प्रकार है -
  •      अलगोजा - बांस के दस-बारह अंगुल लंबे टुकड़े, जिनके निचले सिरे पर चार छेद होते हैं। दोनों बांसुरियों को मुंह में लेकर दोनों हाथों से बजाई जाती है, एक हाथ में एक-एक बांसुरी रहती है। दोनों बांसुरियों के तीन छेदों पर अंगुलियाँ रहती हैं। यह वाद्य चारवाहों द्वारा कोटा, बूंदी, भरतपुर व अलवर क्षेत्रों में बजाया जाता है।
  •    करणा - पीतल का बना दस-बारह फुट लंबा वाद्य, जो प्राचीन काल में विजय घोष में प्रयुक्त होता था। कुछ मंदिरों में भी इसका वादन होता है। पिछले भाग से होंठ लगाकर फूँक देने पर घ्वनि निकलती है। जोधपरु के मेहरानगढ़ संग्रहालय में रखा करणा वाद्य सर्वाधिक लंबा है।
  •    तुरही - पीतल का बना आठ-दस फुट लंबा वाद्य, जिसका मुख छोटा व आकृति नोंकदार होती है। होंठ लगाकर फुँकने पर तीखी ध्वनि निकलती है। प्राचीन काल में दुर्ग एवं युद्व स्थलों में इसका वादन होता था।
  •   नड़ - कगोर की लगभग एक मीटर लंबी पोली लकड़ी, जिसके निचले सिरे पर चार छेद होते हैं। इसका वादन काफी कठिन है। वादक लंबी सांस खींखकर फेफङों में भरता है, बाद में न में फूँककर इसका वादन होता है। फूँक ठीक उसी प्राकर दी जाती है, जिस प्रकार कांच की शीशी बजायी जाती है। वादन के साथ गायन भी किया जाता है। वा वाद्य जैसलमेर में मुख्य रुप से बजाया जाता है।
  •   नागफणी - सर्पाकार पीतल का सुषिर वाद्य। वाद्य के मुंह पर होठों द्वारा ताकत से फूँक देने पर इसका वादन होता है। साधुओं का यह एक धार्मिक वाद्य है तथा इसमें से घोरात्मक ध्वनि निकलती है।
  •   पूंगी/बीण - तांबे के निचले भाग में बाँस या लकड़ी की दो जड़ी हुई नलियाँ लगी रहती हैं। दोनो नलियों में सरकंडे के पत्ते की रीठ लगाई जाती है। तांबे के ऊपरी सिरे को होठों के बीच रखकर फूँक द्वारा अनुध्वनित किया जाता है।
  •   बांकिया - पीतल का बना तुरही जैसा ही वाद्य, लेकिन इसका अग्र भाग गोल फाबेदार है। होठों के बीच रखरकर फूंक देने पर तुड-तुड ध्वनि निकलती है। यह वाद्य मांगलिक पर्वो पर बजाया जाता है। इसमें स्वरों की संख्या सीमित होती है।
  • मयंक - एक बकरे की संपूर्ण खाल से बना वाद्य, जिसके दो तरु छेद रहते हैं। एक छेद पर नली लगी रहती है, वादक उसे मुंह में लेकर आवश्यकतानुसार हवा भरता है। दूसरे भाग पर दस-बारह अंगुल लंबी लकड़ी की चपटी नली होती है। नली के ऊपरी भाग पर छः तथा नीचे एक छेद होता है। बगल में लेकर धीरे-धीर दबाने से इसका वादन होता है। जोगी जाति के लोग इस पर भजन व कथा गाते हैं।
  •     मुरला/मुरली - दो नालियों को एक लंबित तंबू में लगाकर लगातार स्वांस वादित इस वाद्य यंत्र के तीन भेद हैं: - आगौर, मानसुरी और टांकी। छोटी व पतली तूंबी पर निर्मित टांकी मुरला या मुरली कहलाती है। श्रीकरीम व अल्लादीन लंगा, इस वाद्य के ख्याति प्राप्त कलाकार हैं। बाड़में क्षेत्र में इस वाद्य का अधिक प्रचलन है। इस पर देशी राग-रागनियों की विभिन्न धुने बजायी जाती है।
  •      सतारा - दो बांसुरियों को एक साथ निरंतर स्वांस प्रक्रिया द्वारा बजाया जाता है। एक बांसुरी केवल श्रुति के लिए तथा दूसरी को स्वरात्मक रचना के लिए काम में लिया जाता है। फिर घी ऊब सूख लकड़ी में छेद करके इसे तैयार किया जाता है। दोनों बांसुरियों एक सी लंबाई होने पर पाबा जोड़ी, एक लंबी और एक छोटी होने पर डोढ़ा जोङा एवं अलगोजा नाम से भी जाना जाता है। यह पूर्ण संगीत वाद्य है तथा मुख्य रुप से चरवाहों द्वारा इसका वादन होता है। यह वाद्य मुख्यतया जोधपुर तथा बाड़मेर में बजाया जाता है।
  •     सिंगा - सींग के आकार का पीपत की चछर का बना वाद्य। पिछले भाग में होंठ लगाकर फूँक देने पर बजता है। वस्तुतः यह सींग की अनुक्रम पर बना वाद्य है, जिसका वादन जोगी व साधुओं द्वारा किया जाता है।
  •    सुरगाई-सुरनाई - दीरी का यह वाद्य ऊपर से पहला व आगे से फाबेदार होता है। इसके अनेक रुप राजस्थान मे मिलते हैं। आदिवासी क्षेत्रों में लक्का व अन्य क्षेत्रों में नफीरी व टोटो भी होते हैं। इसपर खजूर या सरकंडे की पत्ती की रीढ लगाई जाती है। जिसे होंठों के बीच रखकर फूँक द्वारा

Keyboard Shortcut Keys For Microsoft Windows

Microsoft Natural Keyboard Shortcuts

1. Windows Logo (Display or hide the Start menu)
2. Windows Logo+BREAK (Display the System Properties dialog box)
3. Windows Logo+D (Display the desktop)
4. Windows Logo+M (Minimize all of the windows)
5. Windows Logo+SHIFT+M (Restorethe minimized windows)
6. Windows Logo+E (Open My Computer)
7. Windows Logo+F (Search for a file or a folder)
8. CTRL+Windows Logo+F (Search for computers)
9. Windows Logo+F1 (Display Windows Help)
10. Windows Logo+ L (Lock the keyboard)
11. Windows Logo+R (Open the Run dialog box)
12. Windows Logo+U (Open Utility Manager)
13. Accessibility Keyboard Shortcuts
14. Right SHIFT for eight seconds (Switch FilterKeys either on or off)
15. Left ALT+left SHIFT+PRINT SCREEN (Switch High Contrast either on
or off)
16. Left ALT+left SHIFT+NUM LOCK (Switch the MouseKeys either on or
off)
17. SHIFT five times (Switch the StickyKeys either on or off)
18. NUM LOCK for five seconds (Switch the ToggleKeys either on or off)
19. Windows Logo +U (Open Utility Manager)
20. Windows Explorer Keyboard Shortcuts
21. END (Display the bottom of the active window)
22. HOME (Display the top of the active window)
23. NUM LOCK+Asterisk sign (*) (Display all of the subfolders that are
under the selected folder)
24. NUM LOCK+Plus sign (+) (Display the contents of the selected folder)
25. NUM LOCK+Minus sign (-) (Collapse the selected folder)
26. LEFT ARROW (Collapse the current selection if it is expanded, or
select the parent folder)
27. RIGHT ARROW (Display the current selection if it is collapsed, or
select the first subfolder)


 Part -2
1. CTRL+TAB (Move forward through the tabs)
2. CTRL+SHIFT+TAB (Move backward through the tabs)
3. TAB (Move forward through the options)
4. SHIFT+TAB (Move backward through the options)
5. ALT+Underlined letter (Perform the corresponding command or select the corresponding option)
6. ENTER (Perform the command for the active option or button)
7. SPACEBAR (Select or clear the check box if the active option is a
check box)
8. Arrow keys (Select a button if the active option is a group of option
buttons)
9. F1 key (Display Help)
10. F4 key (Display the items in the active list)
11. BACKSPACE (Open a folder one level up if a folder is selected in the Save As or Open dialog box)


Part-  3


1. CTRL+C (Copy)
2. CTRL+X (Cut)
3. CTRL+V (Paste)
4. CTRL+Z (Undo)
5. DELETE (Delete)
6. SHIFT+DELETE (Delete the selected item permanently without placing
the item in the Recycle Bin)
7. CTRL while dragging an item (Copy the selected item)
8. CTRL+SHIFT while dragging an item (Create a shortcut to the selected
item)
9. F2 key (Rename the selected item)
10. CTRL+RIGHT ARROW (Move the insertion point to the beginning of
the next word)
11. CTRL+LEFT ARROW (Move the insertion point to the beginning of the
previous word)
12. CTRL+DOWN ARROW (Move the insertion point to the beginning of
the next paragraph)
13. CTRL+UP ARROW (Move the insertion point to the beginning of the
previous paragraph)
14. CTRL+SHIFT with any of the arrow keys (Highlight a block of text)
SHIFT with any of the arrow keys (Select more than one item in a
window or on the desktop, or select text in a document)
15. CTRL+A (Select all)
16. F3 key (Search for a file or a folder)
17. ALT+ENTER (View the properties for the selected item)
18. ALT+F4 (Close the active item, or quit the active program)
19. ALT+ENTER (Display the properties of the selected object)
20. ALT+SPACEBAR (Open the shortcut menu for the active window)



Microsoft Management Console (MMC)

1. CTRL+O (Open a saved console)
2. CTRL+N (Open a new console)
3. CTRL+S (Save the open console)
4. CTRL+M (Add or remove a console item)
5. CTRL+W (Open a new window)
6. F5 key (Update the content of all console windows)
7. ALT+SPACEBAR (Display the MMC window menu)
8. ALT+F4 (Close the console)
9. ALT+A (Display the Action menu)
10. ALT+V (Display the View menu)
11. ALT+F (Display the File menu)
12. ALT+O (Display the Favorites menu)





General Knowledge Of World


1. वर्ष 2010 के लिए वर्ल्ड स्पोर्ट्समैन ऑफ द ईयर का लॉरियस पुरस्कार किसे दिया गया।

- राफेल नडाल

2. किस अनुच्छेद के तहत विधानसभा को परिषद का सृजन करने का प्रस्ताव पास करने की अनुमति है।

- अनुच्छेद 169

3.विश्व व्यापार संगठन कहां पर स्थित है।

- जिनेवा (स्विट्जरलैंड)

4. अंतर्राष्ट्रीय अपराधिक पुलिस संगठन (इंटरपोल) का मुख्यालय कहां स्थित है।

- लियोन (फ्रांस)

5. उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का मुख्यालय कहां है।

- ब्रुसेल्स (बेल्जियम)

6. आसियान का मुख्यालय स्थित है।

- जकार्ता (इंडोनेसिया)

7. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन(आईएलओ) का मुख्यालय कहां पर है।

- जिनेवा (स्विट्जरलैंड)

8. संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय का मुख्यालय है।

- नैरोबी (केन्या)

9. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केंद्र स्थित है।

- न्यूयार्क




घरेलु उपचार सम्बंधित देशी नुस्खे जानने के लिए यहाँ क्लिक करें 






बुधवार, 16 जनवरी 2013

राजस्‍थान का भौगोलिक स्‍वरूप

राजस्‍थान सामान्‍य ज्ञान - राजस्‍थान का भौगोलिक स्‍वरूप
*******************
राजस्‍थान के प्राक़तिक विभाग
1 पूर्वी राजस्‍थान – जयपुर, दौसा, अलवर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, भरतपुर, टोंक, सीकर, अजमेर व करौली
2 दक्षिण-पूर्वी राजस्‍थान – कोटा, बारां, बूंदी एवं झालावाङ
3 दक्षिण राजस्‍थान – उदयपुर, राजसमंद, भीलवाङा, चितौङगढ, डूंगरपुर व बांसवाङा
4 पश्चिमी राजस्‍थान – जैसलमेर, नारौग, जोधपुर, बाङमेर, जालौर, सिरोही व पाली
5 उत्‍तरी राजस्‍थान – बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ व चुरू

**********************
राजस्‍थान की प्रमुख नदियों का वर्गीकरण
1 अरब सागर की ओर बहने वाली नदियां – लूणी, माही, सोम, जाखम, साबरमती व प बनास
2 गंगा-यमुना दोआब की ओर बहने वाली नदियां – चम्‍बल, बनास, काली सिन्‍ध, कोठारी, खारी, मेज, मोरेल, बाणगंगा और गम्‍भीर
3 आन्‍तरिक प्रवाह वाली नदियां – घग्‍घर, सोता-साहिबी, काकणी, मेढां, खण्‍डेर, कांटली नदी

****************



घरेलु उपचार सम्बंधित देशी नुस्खे जानने के लिए यहाँ क्लिक करें 





राज्‍य की प्रमुख नदियों की लम्‍बाई

1 माही नदी – 576 किमी
2 लूणी नदी – 320 किमी
3 चम्‍बल नदी – 966 किमी
4 बाणगंगा नदी – 380 किमी
5 कोठारी नदी – 145 किमी

***********
राजस्‍थान की झीलों का वर्गीकरण

1 मीठे पानी की झीलें – जयसमंद, राजसमंद, पिछोला, आनासागर, फतेहसागर, उदयसागर, उम्‍मेदसागर, फांयसागर, गैब सागर, सिलीसेढ, कोलायत, पुष्‍कर, बालसमन्‍द, नक्‍की व नवलखा आदि
2 खारे पानी की झीलें – सांभर, पचपद्रा, डीडवाना, फलौदी, कावोद, लूणकरणसर, कछेर व तालछापर

****************
राजस्‍थान में वर्षा जल संग्रहण के उपाय

1 टांका – ये सामान्‍यत चूना, ईंट, पत्‍थर से मकानों के तलघर में बने हुए छोटे हौज होते है, यह पानी पीने के काम लिया जाता है
2 खङीन – मरूस्‍थली भागों में यह एक मंद ढाल वाला ढालू मैदान होता है, पानी सूखने के बाद इसकी दलदली मिट्टी मे रबी की फसल बोई जाती है
3 बाबङियां – बावङियों का निर्माण गांवों या शहरों के समीप किया जाता है जिनमें वर्षा का पानी इकट्ठा होता रहता है,
4 नाडी – ये छोटे-छोटे कच्‍चे तालाब होते हे तथा गांव के बाहर निचले किनारे पर बनाये जाते है
5 सागर व तालाब – इनके जल का उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता है

*****************
राजस्‍थान के प्रमुख जल प्रपात
1 चूलिया जल प्रपात – चम्‍बल नदी
2 भीमताल जल प्रपात – मांगली नदी

***************
राजस्‍थान की नदियों के उपनाम
1 चम्‍बल नदी – उप नाम कामधेनु, चर्मण्‍वती
2 बाणगंगा – अर्जुन की गंगा
3 बनास – वन की आशा
4 घग्‍घर – म़त नदी
5 माही – बागङ की गंगा

मंगलवार, 8 जनवरी 2013

महत्वपूर्ण समसामयिक तथ्य 2013

महत्वपूर्ण समसामयिक तथ्य-
-----------------------------
-100 वीं विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किस शहर में हुआ-कोलकाता में |
-राष्ट्रीय जल नीति के लिए बैठक आयोजित की गई-नई दिल्ली में |
-सामाजिक क्षेत्र में मदर टेरेसा स्मारक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया-संजीव भट्ट को |
-इस माह कितने जिलों में नकद सब्सिडी हस्तांतरण की योजना लागू की गई-20 जिलों में |
- Hilary Mantel को Man Booker Prize 2012 किस पुस्तक के लिए दिया गया- Bring up the bodies |
-भारत के किस पड़ोसी देश में ‘भगतसिंह चौक’ है जो हाल ही चर्चा में रहा-पाकिस्तान |
- Right to recall का प्रयोग राजस्थान में सर्वप्रथम कहाँ किया गया-नगरपालिका मांगरोल (बाराँ) में |
-117 वां संविधान संशोधन विधेयक संबन्धित है-पदोन्नति मे SC/ST को आरक्षण से |
-2012 में मिस यूनिवर्स का खिताब जीता-USA की Olivia Culpo नें|
-दिसंबर 2012 में द॰ कोरिया की प्रथम महिला राष्ट्रपति बनी- Park Geun-hye
-टाइम्स मेगज़ीन नें वर्ष 2012 का पर्सन ऑफ द ईयर किसे घोषित किया-बराक ओबामा को |
-2012 में भारत की किस फिल्म को ऑस्कर पुरस्कार के लिए नामित किया गया-बर्फी |
- ICC T-20 विश्व कप 2012 किस देश ने जीता- वेस्टइंडीज नें |
-2012 का साहित्य का नोबल पुरस्कार दिया गया- चीन के Mo Yan को |
-किस भारतीय खिलाड़ी ने डेनमार्क ओपन 2012 खिताब जीता-सायना नेहवाल नें |
-हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की बैठक कहाँ हुई –दुबई में |
-----------------------------------------------------------------------------




घरेलु उपचार सम्बंधित देशी नुस्खे जानने के लिए यहाँ क्लिक करें 

Responsive ad

Amazon