Science GK In Hindi, Science GK Questions Answers
धातुएँ एवं उनके यौगिक धातुए
वह तत्व जिनमें एक विशेष प्रकार की धात्विक चमक पाई जाती है धातु कहलाते है |सामान्यतः धातुओं में इलेक्ट्रॉन निकाल कर धनायन बनाने की प्रवृत्ति पाई जाती है |
प्राचीन समय में ज्ञात धातुओं की संख्या केवल 8 थी | यह धातुएँ थी – सोना, चांदी, टिन, सीसा, लोहा, पारा तथा एंटी मनी | अतः इन्हें प्रागैतिहासिक धातु अभी कहा जाता है वर्तमान में ज्ञात धातुओं की संख्या 90 है |
धातुओं के सामान्य गुण
धातुओं के सामान्य गुण निम्नलिखित है –
धातुएँ आघातवर्ध्य होती है अर्थात हथौड़े से पीटने पर यह पतले वर्गों में परिवर्तित हो जाती हैं| तो सोना तथा चांदी सर्वाधिक आघातवर्ध्य धातुएँ हैं |
धातुएं तन्य होती है अर्थात इन्हें खींचकर पतले तारों के रूप में ढाला जा सकता है| सोना सर्वाधिक तन्य धातु है, दूसरी सर्वाधिक तन्य धातु चांदी है |
समस्त धातुएं ऊष्मा की चालक है, चांदी ऊष्मा की सर्वोत्तम चालक है, धातुओं में सबसे कम चालक सीसा है |
धातुएं उच्च विद्युत चालकता दर्शाती हैं, विद्युत की सर्वोत्तम चालक चांदी तथा तांबा है, इसके बाद विद्युत चालकता में क्रमशः सोना, एलुमिनियम तथा टंगस्टन का स्थान आता है पारा तथा लोहा विद्युत धारा के प्रवाह में अपेक्षाकृत अधिक प्रतिरोध उत्पन्न करते हैं |
मरकरी (पारे) के अतिरिक्त अन्य सभी धातुएं साधारण ताप पर ठोस होती है परंतु मरकरी साधारण ताप पर द्रव अवस्था में पाई जाती है |
धातुओं के गलनांक तथा क्वथनांक उच्च होते हैं, परंतु गैलियम और सीजीयम धातुओं’ का गलनांक बहुत कम होता है |
धातुओं का घनत्व (सोडियम तथा पोटेशियम) के अतिरिक्त जल से उच्च होता है, ओसमियम सर्वाधिक भारी धातु है |
धातु है सामान्यतः कठोर होती है परंतु क्षारीय धातुएँ जैसे-लिथियम, सोडियम, पोटेशियम आदि इतनी मुलायम होती है कि इन्हें चाकू से आसानी से काटा जा सकता है |
धातुओं के रासायनिक गुण
लगभग सभी धातुएं ऑक्सीजन के साथ क्रिया करके संगत धातु ऑक्साइड बनाती हैं| धातु ऑक्साइड क्षारकीय होती है ऐलुमिनियम आक्साइड, जिंक ऑक्साइड जैसे कुछ धातु ऑक्साइड अम्लीय तथा क्षारकीय दोनों प्रकार का व्यवहार प्रदर्शित करते हैं |
ऐसे धातु ऑक्साइड जो अम्ल तथा क्षारक दोनों से अभिक्रिया करके लवण तथा जल प्रदान करते हैं, उभयधर्मी ऑक्साइड कहलाते हैं |
पोटेशियम तथा सोडियम जैसी कुछ धातुएँ वायु से इतनी तेजी से अभिक्रिया करती है कि खुले में रखने पर ये तुरंत ही आग पकड़ लेती है अतः सुरक्षित रखने तथा आकस्मिक आग को रोकने के लिए इन्हें केरोसिन तेल में डुबोकर रखा जाता है |
जल के साथ अभिक्रिया करके धातुएँ हाइड्रोजन गैस तथा धातु ऑक्साइड उत्पन्न करती हैं| जल में विलेय धातु ऑक्साइड जल में घुलकर धातु हाइड्रोक्साइड प्रदान करते हैं| लेकिन सभी धातुएं जल के साथ अभिक्रिया नहीं करती हैं |
धातुएँ अम्ल के साथ अभिक्रिया करके संगत लवण तथा हाइड्रोजन गैस प्रदान करती हैं |
धातुओं की सक्रियता श्रेणी
धातुओं को उनकी अभिक्रियाशीलता के घटते क्रम में रखने पर जो श्रेणी प्राप्त होती है, वह सक्रियता श्रेणी कहलाती है| हाइड्रोजन से ऊपर स्थित धातुएँ तनु अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित कर देती हैं एक अधिक अभिक्रियाशील धातु, कम अभिक्रियाशील धातु को उसके लवण के विलयन से विस्थापित कर देती है |
चांदी एवं सोना धातु अत्यंत अधिक ताप पर भी ऑक्सीजन से क्रिया नहीं करती हैं यह धातुएं जल एवं उनके साथ भी अभिक्रिया नहीं करती हैं |
ऐक्वा-रेजिया (रॉयल जल का लैटिन शब्द) या अम्लराज 3:1 के अनुपात में सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं सांद्र नाइट्रिक अम्ल का ताजा मिश्रण होता है सोने को गला सकता है यह सोने यह प्रबल संक्षारक होता है |
टाइटेनियम को भविष्य की धातु कहा जाता है |
धातुओं की सक्रियता श्रेणी
-
तत्वों के संकेत तत्वों के नाम K पोटेशियम Na सोडियम Ca कैल्शियम Mg मैग्नीशियम Al एलुमिनियम Zn जिंक Fe आयरन Pb लेड (सीसा) H हाइड्रोजन Cu कॉपर (तांबा) Hg मरकरी (पारा) Ag चांदी (सिल्वर) Au सोना (गोल्ड) कुछ धातुएं ज्वाला में गर्म करने पर ज्वाला को विशिष्ट रंग प्रदान करती हैं इनका उपयोग आतिशबाजी में रंग उत्पन्न करने के लिए किया जाता है |धातु ज्वाला का रंग Li लाल Na पीला K लाइलैक Rb बैंगनी Cs नीला Ca ईट जैसा लाल Ba सेब जैसा हरा Sr सुनहरा लाल रंग
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें