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मंगलवार, 22 दिसंबर 2015

चट्टाने

चट्टाने 
1. आग्नेय 2. अवसादी
आग्नेय- ज्वालामुखी के फटने से निकले हुए मैग्मा और लावा के जमने से आग्नेय चट्टान का निर्माण होता है। चट्टान परतदार नही होती है न इनमे जीवाश्म होते है। ग्रेवो, ग्रेनाइट, बेसाल्ट, पैग्मेटाइट, बिटुमिनस
a. आग्नेय चट्टानों में लोहा, निकिल, सोना, शीशा, प्लेटिनम भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
b. बेसाल्ट चट्टान में लोहे की मात्रा अधिक होती है।
c. काली मिटटी बेसाल्ट चट्टान के टूटने से बनती है।
d. बिटुमिनस कोयला आग्नेय चट्टान है।
e. कोयला, ग्रेफाइट और हीरे को कार्बन का अपररूप कहा जाता है।
f. ग्रेफाइट को पेंसिल लैड भी कहा जाता है।
ताप, दवाब, और रासायनिक क्रियाओं के कारण ये चट्टाने आगे चलकर कायांतरित होती है।
ग्रेनाइट – नीस
ग्रेवो – सरपेंटाइट
बेसाल्ट – सिस्ट
बिटुमिनस – ग्रेफाइट
अवसादी चट्टान – छोटी-छोटी चट्टान पर दवाब और रासायनिक क्रियाओं के कारण परत एक-दुसरे के ऊपर इकट्ठी होती चली जाती है जिससे अवसादी चट्टान बनती है। बलुआ पत्थर, चुना पत्थर, स्लेट, संगमरमर, लिग्नाइट, एन्थ्रासाइट ये अवसादी चट्टाने है।
a. अवसादी चट्टान परतदार होती है।
b. अवसादी चट्टानों में जीवाश्म पाया जाता है।
c. अवसादी चट्टानों में खनिज तेल पाया जाता है।
d. आगरा और दिल्ली का लाल किला बलुआ पत्थर से बना है
e. एन्थ्रासाइट कोयले में 90 % से ज्यादा कार्बन होता है।
f. लिग्नाइट को कोयले की सबसे उत्तम किस्म माना जाता है।
g. अवसादी चट्टाने कायांतरित होकर क्वार्टजाइट बनती है।
शैल – स्लेट
चुना पत्थर – संगमरमर
लिग्नाइट-एन्थ्रासाइट
स्लेट – फाइलाइट
फाइलाइट – सिस्ट

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